Operation Sindoor : LoC में नहीं बंधा रहा भारत का ऑपरेशन सिंदूर, इसलिए है खास
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Operation Sindoor आतंकी ठिकानों पर हमला भर नहीं था, यह मेसेज है पाकिस्तान को कि सुधर जाओ, वरना सिंदूर का लाल रंग तुम्हारी जमीन पर बहता नजर आएगा।
7 मई की आधी रात के कुछ मिनट बाद, भारत ने पाकिस्तान (Strike on Pakistan) की धरती पर वो किया जिसकी गूंज दशकों तक सुनाई देगी। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) के जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) किया। यह हमला सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं था, यह एक प्रतीकात्मक उत्तर था उस सिंदूर के लिए, जिसे आतंकियों ने मिटाने की कोशिश की थी।
भारतीय वायुसेना की मिसाइलें रात के सन्नाटे में पाकिस्तान (Pakistan) की ओर चलीं। Operation Sindoor में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया :
1. मरकज तैयबा कैंप - नियंत्रण रेखा (LoC) से लगभग 25 किलोमीटर (16 मील) दूर स्थित यह कैंप आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मुख्यालय था।
2. मरकज सुब्हान कैंप - यह पाकिस्तान के अंदर सबसे गहराई में स्थित निशाना था, जो सीमा से करीब 100 किमी दूर है। यह कैंप इस्लामी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मुख्यालय था। इस हमले में मसूद अजहर के 10 रिश्तेदार भी मारे गए हैं।
3. मेहमूना जोया कैंप - यह कैंप हिजबुल मुजाहिदीन नामक आतंकी संगठन का प्रशिक्षण केंद्र था, जो सीमा से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित है।
4. गुलपुर कैंप - यह लश्कर-ए-तैयबा का एक अड्डा था, जो सीमा से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित था। Operation Sindoor में इसे भी नष्ट कर दिया गया।
5. सरजाल कैंप - यह पाकिस्तान की सीमा के भीतर करीब 6 किलोमीटर अंदर था। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) में यहां भी बम बरसे।
6. अब्बास कैंप - यह कैंप सीमा से करीब 13 किलोमीटर दूर था। यहां लश्कर के आत्मघाती हमलावरों को प्रशिक्षण दिया जाता था।
7. सय्यदना बिलाल कैंप - यहां जैश-ए-मोहम्मद का ट्रेनिंग कैंप था। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) ने इसे नेस्तनाबूद कर दिया।
8. सवाई नाला कैंप - यह जगह नियंत्रण रेखा से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित था। यहां भी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी ट्रेनिंग लेते थे।
9. बर्नाला कैंप - इस जगह आतंकियों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता था।
Operation Sindoor से पहले पाकिस्तान पर आर्थिक दबाव
Operation Sindoor से पहले भारत ने सैन्य के अलावा कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चों पर भी दबाव बनाना शुरू कर दिया था। 23 अप्रैल को भारत ने दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित (Indus Water Treaty suspended) कर दिया। पाकिस्तान ने तभी से पानी के प्रवाह में रुकावट की शिकायतें शुरू कर दी थीं। इसके बाद चिनाब का पानी रोका गया।
भारत ने बमों की स्ट्राइक से पहले आर्थिक स्ट्राइक भी। पाकिस्तान के साथ व्यापार पूरी तरह बंद कर दिया। पाकिस्तान कई चीजों के लिए पूरी तरह से भारत पर निर्भर है।
क्यों बेमिसाल है Operation Sindoor
भारत ने 2019 में भी बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी, लेकिन तब IAF के विमान पीओके में घुस गए थे। इसके बाद पाकिस्तानी विमानों के साथ आमने-सामने की लड़ाई में भारत का एक विमान गिरा था और पायलट अभिनंदन को दुश्मनों ने पकड़ लिया था। इस बार भारत ने अपनी जमीन से मिसाइलें दागीं।
भारत ने PoK ही नहीं, पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में बहावलपुर और मुरिदके को भी निशाना बनाया। मुरिदके लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय माना जाता है, और बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का। दोनों ही आतंकी संगठन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े हुए हैं।
भारतीय सेना (Indian Army) ने बहुत सोच-समझकर इस ऑपरेशन (Operation Sindoor) को अंजाम दिया। हमले सिर्फ आतंकी ठिकानों पर हुए। आम लोगों, उनसे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर या किसी सैन्य बेस केा निशाना नहीं बनाया गया।
आधिकारिक बयान में बताया गया कि भारतीय सेना के हमले सटीक, संतुलित और गैर-उकसावे वाले थे। केवल उन आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया गया, जहां से भारत पर हमलों की योजना बनाई गई थी। यह भी जाहिर होता है कि भारत पर और आतंकी हमलों की भी साजिश रची जा रही थी।
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